BA Semester-5 Paper-2B History - Socio and Economic History of Medieval India (1200 A.D-1700 A.D) - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.)

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2788
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B इतिहास - मध्यकालीन एवं आधुनिक सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास (1200 ई.-1700 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- मुस्लिम काल की शिक्षा व्यवस्था का अवलोकन कीजिये।

अथवा
मुगल काल में शिक्षा के विकास के बारे में बताइये।
अथवा
मुस्लिम शिक्षा की विभिन्न कमियों को इंगित कीजिये।
अथवा
मुस्लिम काल की शिक्षा की विशेषतायें बताइये।

उत्तर -

मुस्लिम शासक अपने साथ एक नवीन संस्कृति, धर्म तथा आदर्श लाये तथा अपने शासन को दृढ़ करने के लिये उन्होंने स्वयं को मुस्लिम धर्म तथा इस्लामी ज्ञान व संस्कृति का प्रचार करने के लिये समर्पित कर दिया। मुस्लिम आक्रमणों तथा कालान्तर में मुस्लिम राज्य की स्थापना के फलस्वरूप भारतीय उपमहाद्वीप के जनजीवन में अनेक दूरगामी परिवर्तन आये। शिक्षा व्यवस्था भी परिवर्तन के इस प्रभाव से अछूती नहीं थी। वैदिक श्लोकों तथा बुद्ध साहित्य के साथ- साथ कुरान की आयतों का भी पाठ होने लगा। राजनैतिक सत्ता पर अपना अधिकार अक्षुण्ण रखन के उद्देश्य से मुस्लिम शासकों ने परम्परागत भारतीय शिक्षा के आदर्शों तथा संस्कृति को हतोत्साहित किया। यद्यपि मुस्लिम शासन के दौरान शिक्षा व्यवस्था हेतु न तो कोई औपचारिक व नियमित तथा न ही कोई व्यवस्थित शिक्षा योजना थी। परन्तु अधिकांश मुस्लिम शासकों ने इस्लामी शिक्षा के प्रति पर्यात रुचि दिखलायी। प्रायः सभी मुस्लिम शासक शिक्षित थे तथा सभी ने विद्वानों को संरक्षण भी प्रदान किया था। शिक्षा को राज्य का उत्तरदायित्व न स्वीकारने के बावजूद भी लगभग सभी मुस्लिम शासकों ने अनेक शिक्षा संस्थाओं की स्थापना की तथा शिक्षा को आश्रय दिया। किन्तु यह कहना भी सत्य होगा कि इस काल में स्त्रियों की शिक्षा उपेक्षित रही व इस्लामी शिक्षा की धारा प्रवाहित होने लगी व प्राचीन हिन्दू व्यवस्था राजकीय संरक्षण व प्रोत्साहन से वंचित हो गयी। इसके अलावा मुस्लिम शासकों ने हिन्दू शिक्षा केन्द्रों को खुलकर लूटा, पुस्तकालयों को जलाया तथा हिन्दू विद्वानों को निरुत्साहित व दण्डित किया तथा मार डाला। इसके फलस्वरूप मध्यकालीन भारत में प्राचीन संस्कृत शिक्षा लगभग मृतप्राय हो गयी। 

आठवीं शताब्दी के आक्रमणकारियों का उद्देश्य अब बदल चुका था। अब उनका उद्देश्य भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना रह गया और उनका उद्देश्य कहीं न कहीं हिन्दू शिक्षा के केन्द्र मन्दिरों व मठों को नष्ट कर भारतीय शिक्षा की अकल्पनीय क्षति करना था।

मध्यकालीन भारत में शिक्षा को एक सामाजिक कर्तव्य के रूप स्वीकार नहीं किया जाता था। उस काल में सार्वजनिक शिक्षा कठिन हो गयी थी। उच्च शिक्षा का माध्यम अरबी भाषा थी तथा सभ्य समाज में फारसी का प्रचलन था। विद्वानों की महत्वाकांक्षा मक्का जाकर अध्ययन करने की होती थी। मुस्लिम समाज व समुदाय ने भी शिक्षा को ज्ञान की उपलब्धि तथा मस्तिष्क के अनुशासन के लिये आवश्यक समझा फिर भी यह स्त्री वर्ग से अछूता रहा। उस समय शिक्षा का उद्देश्य अल्लाह की प्राति तथा समाज के लिये उपयोगी व्यक्ति के रूप में स्वयं का विकास करना था। 14वीं शताब्दी में अरबी, फारसी तथा हिन्दी के सम्मिश्रण से एक नई भाषा उर्दू की उत्पत्ति हुयी। इतिहास लेखन का कार्य भी इस काल में हुआ। आइने अकबरी तथा अकबरनामा इस काल में प्रसिद्ध ऐतिहासिक ग्रन्थ है। फिरोजाबाद का फिरोजशाही मदरसा, जौनपुर का विश्वविद्यालय नगर, बीदर का महमूद गावान विद्यालय तथा माहम अनगा (Maham Anaga) का दिल्ली में बनवाया। मदरसा-ऐ-बेगम (जिसमें स्त्रियों को शिक्षित किया जाता था) आदि मुस्लिम कालीन साहित्यिक ख्याति के लिये प्रसिद्ध थे। मुस्लिम काल में स्थापित अनेक शिक्षा संस्थायें तथा पुस्तकालय अभी भी विद्यमान हैं।

परन्तु यह शिक्षा का विकास कुछ ही शासकों के काल में हुआ था। मुहम्मद तुगलक, अकबर तथा शाहजहाँ वहीं दूसरी ओर अलाउद्दीन फिरोज तुगलक तथा औरंगजेब जैसे कट्टर शासकों ने प्राचीन शिक्षा प्रणाली तथा हिन्दू संस्कृति का विनाश करके मुस्लिम शिक्षा तथा इस्लामी संस्कृति के प्रसार को ही अपना लक्ष्य माना। भयंकर विलवों, राजनीतिक उथल-पुथल तथा सत्ता संघर्षों के दौर में विकसित हुयी मुस्लिम शिक्षा प्रणाली अनेक दोषों से युक्त थी।

मुस्लिम शासन के दौरान महिलाओं में पर्दाप्रथा का प्रचलन होने के कारण उस समय नारी शिक्षा का विकास काफी कम था। कम उम्र की बालिकायें मकतबों में जाकर प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण कर लेती थी। परन्तु उच्च शिक्षा के लिये घर पर ही व्यवस्था करनी होती थी इसलिये उच्च शिक्षा केवल शाही तथा अमीर घरानों तक ही सीमित थी। मुस्लिम काल में नारी शिक्षा परिवार के व्यक्तिगत उद्यम तथा आर्थिक क्षमता पर निर्भर करती थी, इसलिये कुछ ही परिवारों की लड़कियाँ शिक्षा प्रात करने में सफल सिद्ध हो सकी।

मुस्लिम काल के दौरान शिक्षा का अर्थ यदि शिक्षक के द्वारा छात्र के ज्ञान को पर्यात समझ लिया जाय तो उसे शिक्षित मान लिया जाता था। राज दरबारों में नौकरी प्रात करने के लिये छात्रों को दरबारियों के समक्ष अपनी योग्यता सिद्ध करनी होती थी व स्त्री को ऐसे कोई कार्य न 1. करने के कारण उनके लिये शिक्षा को भी जरूरी नहीं समझा गया।

मुस्लिम शिक्षा में इस्लाम का प्रमुख स्थान था, परन्तु शिक्षा में भौतिकता पर अधिक बल दिया गया, ताकि वे सांसारिक सुख, वैभव, ऐश्वर्य को प्रात कर सके। मुस्लिम शिक्षा के फलस्वरूप मकतबों तथा मदरसों में दी जाने वाली मुस्लिम शिक्षा धीरे-धीरे हतोत्साहित होने लगी, जहाँ एक ओर बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहाँगीर और शाहजहाँ के समय में शिक्षा, पुस्तकालय व मदरसों का विकास हुआ। इन शासकों के समय में कुछ विद्वान महिलायें भी हुयी व उच्च घरों की महिलायें भी शिक्षित हुया करती थी। जहाँगीर ने शिक्षा की उन्नति के लिये यह नियम बनाया कि यदि किसी धनी मनुष्य या यात्री की मृ[यु हो जाये और उसका कोई उत्तराधिकारी न हो तो उसकी सम्पत्ति मदरसों एवं मस्जिदों के बनवाने में प्रयोग की जाती थी। इस नियम के कारण अनेक मदरसों का निर्माण हुआ तथा अनेक मदरसों का जीर्णोद्वार हुआ।

वहीं शाहजहाँ के काल में भी पर्यात वृद्धि हुयी, महिलायें भी इस काल में शिक्षित देखी गयीं। शाहजहाँ की पुत्री जहाँआरा बेगम ने आगरा की जामा मस्जिद से सम्बद्ध एक मदरसे की स्थापना की। परन्तु औरंगजेब के काल में शिक्षा विशेष रूप से प्रभावित हुयी। औरंगजेब शिक्षित होते हुये भी हिन्दुओं के प्रति सहिष्णु न था। वह केवल मुसलमानों की शिक्षा पर ध्यान देता था। सर यदुनाथ सरकार के अनुसार औरंगजेब ने 1669 ई. में अनेक हिन्दू मन्दिरों और विद्यालयों को नष्ट करने की आज्ञा दी। उसके अनुसार, "औरंगजेब ने मुसलमानों के लिये असंख्य मकतबों एवं मदरासों की स्थापना की। औरंगजेब के पश्चात् उसके उत्तराधिकारियों के समय में शिक्षण- संस्थाओं को निर्मित करने और उन्हें धन सम्पन्न करने के प्रयत्न बहुत कम हो गये। मध्यकालीन शिक्षा के प्रमुख केन्द्र निम्नलिखित थे -

दिल्ली - भारत की राजधानी रहने के कारण दिल्ली इस्लामी शिक्षा का प्रमुख केन्द्र रहा. है। सुल्तान नासिरूद्दीन ने दिल्ली में मिन्हाज - शिराज की अध्यक्षता में 'नसीरिय मदरसा की / स्थापना की थी।

आगरा - आगरा मुगलकालीन शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र था। वह स्थान इस्लामी शिक्षा और संस्कृति का मुख्य केन्द्र था।

जौनपुर - तुर्क, अफगान और मुगलों के शासनकाल में जौनपुर भारत का एक प्रमुख शिक्षा केन्द्र रहा। हुमायू से शाहजहाँ तक इस विद्यानगरी की काफी उन्नति हुयी।

बीदर - बीदर, दक्षिण भारत में बहमनी राज्य का प्रमुख केन्द्र था। महमूद गंवा ने यहाँ अनेक मकतब तथा एक मदरसा बनवाया। उसने शिक्षा देने के लिये विद्वान मौलवियों की नियुक्ति की। यहाँ एक विशाल पुस्कालय था जिसमें इस्लाम धर्म, संस्कृति, दर्शन चिकि[सा, ज्योतिष, इतिहास और कृषि आदि विषयों पर 30 हजार से अधिक पुस्तकें थीं। यह दक्षिण भारत में इस्लामी शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था।

मालवा - मुस्लिम काल में मालवा भी प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र था। यह संगीत की शिक्षा के लिये प्रसिद्ध था। अनेक विद्वान यहाँ विद्यालय चलाते हैं। फरिश्ता के अनुसार मालवा पूर्वी एशिया के प्रसिद्ध गौरवशाली शिक्षण केन्द्रों में शिराज एवं समरकन्द के समतुल्य था। यह स्त्री शिक्षा के लिये विशेष प्रसिद्ध था। यहाँ अन्तःपुर की स्त्रियों को कुरान कंठस्थ था। इस राज्य का संस्थापक महमूद गवाँ था।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सल्तनतकालीन सामाजिक-आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- सल्तनतकालीन केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में प्रांतीय शासन प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- सल्तनतकालीन राजस्व व्यवस्था पर एक लेख लिखिए।
  5. प्रश्न- सल्तनत के सैन्य-संगठन पर प्रकाश डालिए।
  6. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत काल में उलेमा वर्ग की समीक्षा कीजिए।
  7. प्रश्न- सल्तनतकाल में सुल्तान व खलीफा वर्ग के बीच सम्बन्धों की विवेचना कीजिये।
  8. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  9. प्रश्न- मुस्लिम राजवंशों के द्रुतगति से परिवर्तन के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  10. प्रश्न- सल्तनतकालीन राजतंत्र की विचारधारा स्पष्ट कीजिए।
  11. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के स्वरूप की समीक्षा कीजिए।
  12. प्रश्न- सल्तनत काल में 'दीवाने विजारत' की स्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
  13. प्रश्न- सल्तनत कालीन राजदरबार एवं महल के प्रबन्ध पर एक लघु लेख लिखिए।
  14. प्रश्न- 'अमीरे हाजिब' कौन था? इसकी पदस्थिति का मूल्यांकन कीजिए।
  15. प्रश्न- जजिया और जकात नामक कर क्या थे?
  16. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में राज्य की आय के प्रमुख स्रोत क्या थे?
  17. प्रश्न- दिल्ली सल्तनतकालीन भू-राजस्व व्यवस्था पर एक लेख लिखिए।
  18. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत में सुल्तान की पदस्थिति स्पष्ट कीजिए।
  19. प्रश्न- दिल्ली सल्तनतकालीन न्याय-व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
  20. प्रश्न- 'उलेमा वर्ग' पर एक टिपणी लिखिए।
  21. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों में सल्तनत का विशाल साम्राज्य तथा मुहम्मद तुगलक और फिरोज तुगलक की दुर्बल नीतियाँ प्रमुख थीं। स्पष्ट कीजिए।
  22. प्रश्न- विदेशी आक्रमण और केन्द्रीय शक्ति की दुर्बलता दिल्ली सल्तनत के पतन का कारण बनी। व्याख्या कीजिए।
  23. प्रश्न- अलाउद्दीन की प्रारम्भिक कठिनाइयाँ क्या थीं? अलाउद्दीन के प्रारम्भिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए यह स्पष्ट कीजिए कि उसने इन कठिनाइयों से किस प्रकार निजात पाई?
  24. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधार व बाजार नियंत्रण नीति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण विजय का विवरण दीजिए। उसकी दक्षिणी विजय की सफलता के क्या कारण थे?
  26. प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण नीति के क्या उद्देश्य थे, क्या वह उनकी पूर्ति में सफल रहा?
  27. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की विजयों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- 'खिलजी क्रांति' से क्या समझते हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- अलाउद्दीन की दक्षिण नीति के क्या उद्देश्य थे, क्या वह उनकी पूर्ति में सफल रहा?
  30. प्रश्न- खिलजी शासकों के काल में स्थापन्न कला के विकास पर टिपणी लिखिए।
  31. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का एक वीर सैनिक व कुशल सेनानायक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
  32. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की मंगोल नीति की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
  33. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की राजनीति क्या थी?
  34. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का शासक के रूप में मूल्यांकन कीजिए।
  35. प्रश्न- अलाउद्दीन की हिन्दुओं के प्रति नीति स्पष्ट करते हुए तत्कालीन हिन्दू समाज की स्थिति पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की राजस्व सुधार नीति के विषय में बताइए।
  37. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी का प्रारम्भिक विजय का वर्णन कीजिये।
  38. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की महत्त्वाकांक्षाओं को बताइये।
  39. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी के आर्थिक सुधारों का लाभ-हानि के आधार पर विवेचन कीजिये।
  40. प्रश्न- अलाउद्दीन खिलजी की हिन्दुओं के प्रति नीति का वर्णन कीजिये।
  41. प्रश्न- सूफी विचारधारा क्या है? इसकी प्रमुख शाखाओं का वर्णन कीजिए तथा इसके भारत में विकास का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके कारणों, विशेषताओं और मध्यकालीन भारतीय समाज पर प्रभाव का मूल्याँकन कीजिए।
  43. प्रश्न- मध्यकालीन भारत के सन्दर्भ में भक्ति आन्दोलन को बतलाइये।
  44. प्रश्न- समाज की प्रत्येक बुराई का जीवन्त विरोध कबीर के काव्य में प्राप्त होता है। विवेचना कीजिए।
  45. प्रश्न- मानस में तुलसी द्वारा चित्रित मानव मूल्यों का परीक्षण कीजिए।
  46. प्रश्न- “मध्यकालीन युग में जन्मी, मीरा ने काव्य और भक्ति दोनों को नये आयाम दिये" कथन की समीक्षा कीजिये।
  47. प्रश्न- सूफी धर्म का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा।
  48. प्रश्न- राष्ट्रीय संगठन की भावना को जागृत करने में सूफी संतों का महत्त्वपूर्ण योगदान है? विश्लेषण कीजिए।
  49. प्रश्न- सूफी मत की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन के प्रभाव व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  51. प्रश्न- भक्ति साहित्य पर प्रकाश डालिए।
  52. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन पर एक निबन्ध लिखिए।
  53. प्रश्न- भक्ति एवं सूफी सन्तों ने किस प्रकार सामाजिक एकता में योगदान दिया?
  54. प्रश्न- भक्ति आन्दोलन के कारण बताइए
  55. प्रश्न- सल्तनत काल में स्त्रियों की क्या दशा थी? इस काल की एकमात्र शासिका रजिया सुल्ताना के विषय में बताइये।
  56. प्रश्न- "डोमिगो पेस" द्वारा चित्रित मध्यकाल भारत के विषय में बताइये।
  57. प्रश्न- "मध्ययुग एक तरफ महिलाओं के अधिकारों का पूर्णतया हनन का युग था, वहीं दूसरी ओर कई महिलाओं ने इसी युग में अपनी विशिष्ट उपस्थिति दर्ज करायी" कथन की विवेचना कीजिये।
  58. प्रश्न- मुस्लिम काल की शिक्षा व्यवस्था का अवलोकन कीजिये।
  59. प्रश्न- नूरजहाँ के जीवन चरित्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। उसकी जहाँगीर की गृह व विदेशी नीति के प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
  60. प्रश्न- सल्तनत काल में स्त्रियों की दशा कैसी थी?
  61. प्रश्न- 1200-1750 के मध्य महिलाओं की स्थिति को बताइये।
  62. प्रश्न- "देवदासी प्रथा" क्या है? व इसका स्वरूप क्या था?
  63. प्रश्न- रजिया के उत्थान और पतन पर एक टिपणी लिखिए।
  64. प्रश्न- मीराबाई पर एक टिप्पणी लिखिए।
  65. प्रश्न- रजिया सुल्तान की कठिनाइयों को बताइये?
  66. प्रश्न- रजिया सुल्तान का शासक के रूप में मूल्यांकन कीजिए।
  67. प्रश्न- अक्का महादेवी का वस्त्रों को त्याग देने से क्या आशय था?
  68. प्रश्न- रजिया सुल्तान की प्रशासनिक नीतियों का वर्णन कीजिये?
  69. प्रश्न- मुगलकालीन आइन-ए-दहशाला प्रणाली को विस्तार से समझाइए।
  70. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व का निर्धारण किस प्रकार किया जाता था? विस्तार से समीक्षा कीजिए।
  71. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व वसूली की दर का किस अनुपात में वसूली जाती थी? ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर क्षेत्रवार मूल्यांकन कीजिए।
  72. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व प्रशासन का कालक्रम विस्तार से समझाइए।
  73. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व के अतिरिक्त लागू अन्य करों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान मराठा शासन में राजस्व व्यवस्था की समीक्षा कीजिए।
  75. प्रश्न- शेरशाह की भू-राजस्व प्रणाली का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
  76. प्रश्न- मुगल शासन में कृषि संसाधन का वर्णन करते हुए करारोपण के तरीके को समझाइए।
  77. प्रश्न- मुगल शासन के दौरान खुदकाश्त और पाहीकाश्त किसानों के बीच भेद कीजिए।
  78. प्रश्न- मुगलकाल में भूमि अनुदान प्रणाली को समझाइए।
  79. प्रश्न- मुगलकाल में जमींदार के अधिकार और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- मुगलकाल में फसलों के प्रकार और आयात-निर्यात पर एक टिप्पणी लिखिए।
  81. प्रश्न- अकबर के भूमि सुधार के क्या प्रभाव हुए? संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  82. प्रश्न- मुगलकाल में भू-राजस्व में राहत और रियायतें विषय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  83. प्रश्न- मुगलों के अधीन हुए भारत में विदेशी व्यापार के विस्तार पर एक निबंध लिखिए।
  84. प्रश्न- मुग़ल काल में आंतरिक व्यापार की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण कीजिए।
  85. प्रश्न- मुगलकालीन व्यापारिक मार्गों और यातायात के लिए अपनाए जाने वाले साधनों का वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- मुगलकाल में व्यापारी और महाजन की स्थितियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- 18वीं शताब्दी में मुगल शासकों का यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  88. प्रश्न- मुगलकालीन तटवर्ती और विदेशी व्यापार का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  89. प्रश्न- मुगलकाल में मध्य वर्ग की स्थिति का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
  90. प्रश्न- मुगलकालीन व्यापार के प्रति प्रशासन के दृष्टिकोण पर प्रकाश डालिये।
  91. प्रश्न- मुगलकालीन व्यापार में दलालों की स्थिति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  92. प्रश्न- मुगलकालीन भारत की मुद्रा व्यवस्था पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  93. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान बैंकिंग प्रणाली के विकास और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली हुण्डी व्यवस्था को समझाइए।
  95. प्रश्न- मुगलकालीन मुद्रा प्रणाली पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- मुगलकाल में बैंकिंग और बीमा पर प्रकाश डालिये।
  97. प्रश्न- मुगलकाल में सूदखोरी और ब्याज की दर का संक्षिप्त विवेचन कीजिये।
  98. प्रश्न- मुगलकालीन औद्योगिक विकास में कारखानों की भूमिका का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  99. प्रश्न- औरंगजेब के समय में उद्योगों के विकास की रूपरेखा का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- मुगलकाल में उद्योगों के विकास के लिए नियुक्त किए गए अधिकारियों के पद और कार्यों का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- मुगलकाल के दौरान कारीगरों की आर्थिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- 18वीं सदी के पूर्वार्ध में भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रवृत्ति की व्याख्या कीजिए।
  103. प्रश्न- मुगलकालीन कारखानों का जनसामान्य के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
  104. प्रश्न- यूरोपियन इतिहासकारों के नजरिए से मुगलकालीन कारीगरों की स्थिति प

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